कुसुम को किसने कहा खिलो,
पवन को किसने कहा चलो,
अग्नि को किसने कहा जलो।
जीवन में निराश क्यों,
मृत्यु का उपहास क्यों,
प्रेम की तलाश क्यों ।
समय क्यों रुकता नहीं,
अहं क्यों झुकता नहीं,
विचार क्यों रुकता नहीं।
भक्ति में इच्छा कैसी,
शक्ती की समिक्षा कैसी,
विश्वास की परिक्षा कैसी।
रंग क्यों अनेक है,
जीवन क्यों एक है।
प्रश्न का हल नहीं,
अर्थ है सभी वही।