केरल आकर पढ़ने का सबसे बड़ा फायदा मुझे यह हुआ कि यहाँ के बारे में जानने का भरपूर मौका मिला I हाँ यह अलग बात है कि अभी तक यहाँ की भाषा मलयालम नहीं सीख पाया, पर प्रयास जारी है I सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक दृष्टिकोण से केरल बहुत ही धनी राज्य है I शायद इसलिये केरल को ईश्वर का अपना देश (God’s own country) कहते है I यहां के सभी त्योहार एवं उत्सव अपने विविधतापूर्ण रंगों के लिये विख्यात है I ओणम केरल का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण पर्व है I ओणम का त्योहार अपने वैभवकारी अतीत, धर्म एवं आस्था, तथा अराधना की शक्ति में विश्वास को दर्शाता है I हरेक जाति एवं धर्म के लोग इस शस्योत्सव को अति श्रद्धा एवं उल्लास से मनाते हैI दंत कथाओ के अनुसार यह त्योहार राजा महाबली के स्वागत में मनाया जाता है जो की इसी ओणम के महिने में प्रत्येक वर्ष केरल की भूमि पर भ्रमण करने आते है I
(गजनृत्य) (पुलिकाली- बाघ नृत्य)
(संर्प नौका प्रतियोगिता)
ओणम का त्योहार मलयालम कैलेंडर (कोलवर्षम) के प्रथम महिने चिंगम में मनाया जाता है I चिंगम अंग्रेजी के महिने अगस्त-सितम्बर के समतुल्य होता है I दशहरा की तरह ओणम भी दस दिनों तक मनाया जाने वाला पर्व है I इन दस दिनों में प्रथम दिवस अथम और दशम दिवस थिरुओणम सबसे महत्वपूर्ण होता है I सांस्कृतिक रूप से इतना धनी होने के कारण ही ओणम उत्सव को वर्ष १९६१ में केरल का राज्यकीय त्योहार घोषित कर दिया गया I उत्कृष्त भोजन, मनभावन लोकगीत, गजनृत्य (हाथियों द्वारा किया गया नृत्य), उर्जापूर्ण खेल-कूद, नाव और फूल ये सब मिलकर इस त्योहार को मनमोहक रूप प्रदान करते है I अन्तरराष्ट्रिय स्तर पर ख्याति प्राप्त होने के कारण ही भारत सरकार द्वारा ओनम पर्व को पर्यटन सप्ताह घोषित किया जाता है I इस दौरान हजारों सैलानी पर्यटन के लिये केरल आते है I
आज से दस दिनों के लिये महाविद्यालय बन्द हो गया है I अतः कल (शुक्रवार) को हमारे कालेज में ओणम का त्योहार हर्षोउल्लास से मनाया गया I नीचे कुछ चित्र दे रहा हूँ I कुछ मित्रों ने मिलकर विडियो भी बनाया है, एडिट करने के बाद उसे भी पोस्ट करुंगा I
(ढोलक की थाप पर नृत्य)
(थिरकते कदम) (पोकालम) (पोकालम- फूल प्रतियोगिता) (ओणम में पहने जाने वाला पारंपरिक वस्त्र)भारत मे कोई भी त्योहार हो और खाद्य सामाग्री यथा पकवान, मिठाई, और स्वादिष्ट भोजन की बात न हो तो बात कुछ अटपटी सी लगती है I इस मामले में ओणम भी अन्य त्योहारो से अलग नहीं है I ओणसद्या के बिना ओणम पर्व की बात अधूरी लगती है I ओणसद्या एक पारंपरिक भोजन है I अमीर हो या गरीब सभी के लिये यह बहुत ही महत्वपूर्ण है I मलयालम में एक कहावत है- कानम विट्टम ओणम उन्ननम अर्थात एक ओणम सद्या के लिये लोग अपनी किसी भी वस्तु को बेचने के लिये तैयार हो जाते है I ओणसद्या दक्षिण भारतीय भोजन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है I सद्या केले के पत्ते पर परोसा जाता है I कभी ओणसद्या में चौसठ तरह के पदार्थ परोसे जाते थे, पर आजकल कुल मिलाकर ग्यारह तरह की वस्तुयें हीं परोसी जाती है I
(ओणसद्या)
पोस्ट कुछ लम्बी खिंच गयी. एक ही पोस्ट में इतनी सारी बाते समाहित करना कठिन है. जो भी बाते बची रह गयी अगली पोस्ट में.
(आज रात में कुछ मित्रों के साथ तिरुपती – बालाजी के लिये निकल रहा हूँ. केरल में अब कुछ ही महीनें बचे है, तो क्यों न दक्षिण भारत के कुछ महत्वपूर्ण स्थल घूम लिये जाय)
(कुछ चित्र गूगल सर्च से साभार)
बहुत बहुत ही सुन्दर पोस्ट..........जानकारी देने के लिये शुक्रिया.......
जवाब देंहटाएंbahut badhiya...yaar main bhi kerala me 3 saal se hu par onam ke baare me itani jankari nahi thi...jankari ke liye dhanyabaad...
जवाब देंहटाएंhttp://techietryst.blogspot.com
जानकारी देने के लिये शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा कर रहे हो, मित्र!
जवाब देंहटाएंKeral to waise bhi bharat ke manchitr main pratan main pratham sthan rahkta hai...
जवाब देंहटाएं..chitr pradarshani ko share karne ke liye aabhar.
SUNDAR JAANKAARI HAI ONAM KI ...... SUNDAR CHITROM KE SAATH APKA BLOG AAJ RANGEN LAG RAHA HAI .....
जवाब देंहटाएंसुंदर चित्रण है..
जवाब देंहटाएंख़ूबसूरत तस्वीरों के साथ आपने बहुत बढ़िया लिखा है!
जवाब देंहटाएंWish you a very Happy Onam.
Achchhi jaankari ke liye shukriya...
जवाब देंहटाएंकेरला देखना का मन हमेसा से ही लालाइत रहता था,
जवाब देंहटाएंआज आपने केरला और उसके अति महत्यपूर्ण त्यौहार का वर्णन खूबसूरत चित्रों के साथ कर के मेरा मन मोह लिया है|
Mahatvapurna jankari...sundar chitra...Achhe karya ke liye badhai !!
जवाब देंहटाएंRochak jaankaari.
जवाब देंहटाएं( Treasurer-S. T. )
Dhanyad MITRA.........
जवाब देंहटाएंonam k bare me itani sari jankari dene k liye
good post with nice pictures.........
जवाब देंहटाएंaapko bhi pahlaa ehsas ka aamantran preshit hai. isse jude aur apni yaaden baaten.
जवाब देंहटाएंaabhar.
सुन्दर पोस्ट जानकारी देने के लिये शुक्रिया
जवाब देंहटाएंbahut khubsurat post aur sunder jankari.
जवाब देंहटाएंइतनी रोचकता बनाये रखते हुए जो चित्रमय जानकारी आपने हमें सादर पेश की उसका हम तहे दिल से स्वागत करते हैं, भारत की विभिन्न संस्कृतियाँ इसीलिए तो इतना जानी -मानी जाती हैं, और बरबस हरेक को अपनी ऑर आकर्षित कर ही लेती है, भले ही त्यौहार के ही दिनों में आजकल.
जवाब देंहटाएंआपकी अगली विडिओमय कड़ी का बेसब्री से इंतजार है.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
chandarji meri kavita par hausla afzai ke liye shukriya...
जवाब देंहटाएंटिप्पणी के लिये आप सभी पाठकों का बहुत बहुत आभार ।
जवाब देंहटाएंसुंदर आलेख.
जवाब देंहटाएंbahut badhiya.keral ne mujhe hamesha hi lubhaya.asal me school me kabhi keral naam ka ek paath tha.bas tab se hi uske baare me janane ki ichha prabal hoti hi rahi. aapke lekh se ichha ki jo tripti hui uske liye dhanyavaad.
जवाब देंहटाएंmazza aa gaya padh kar
जवाब देंहटाएंओणम पर्व पर आपका यह लेख हम साभार 'उत्सव के रंग' पर प्रकाशित कर रहे हैं...www.utsavkerang.blogspot.com
जवाब देंहटाएंitni sunder jankari ke liye dhanyavad karela ghumne ke badi ichcha ho rahi hai
जवाब देंहटाएंRajeev Singh
yaar Onam ke bare me bahot kuch janne ko mila.is saal me bhi onam dekhunga.keep it up.
जवाब देंहटाएंB.J.Darji