आज कॉलेज का अंतिम दिन था । कुछ दिनों में फाईनल परिक्षायें होंगी, उसके बाद हम सभी छात्र अपना बोरिया- बिस्तर बाँध यहाँ से निकल पड़ेगे । चार साल किस तरह बीत गये, कुछ पता हीं नहीं चला । मन दुःखी इसलिये है कि हम सभी दोस्त एक दूसरे से बिछड़ जायेंगे और ना जाने फिर कब मिलना हो । और खुशी इस बात की कि अब 6-6 घंटे की उबाऊ कक्षाओं से मुक्ति मिल जायेगी । हमारे जूनियर्स, हमारी विदाई अश्रुपूरित नेत्रों से पहले हीं कर चुके है । 19 मार्च को उन लोगो ने हम सभी सीनियर्स के लिये शानदार पार्टी आयोजित की थी । समारोह के अंत में सभी भावुक होकर रोने लगे थे । कुछ तस्वीरें-
यह आना-जाना, छूटने-बिछड़ने का क्रम तो लगा हीं रहता है । यह बात हम सभी जानते है, पर यह मन कहाँ मानता है । आगे की ज़िन्दगी हम लोगों की राह देख रही है, ना जाने कैसे-कैसे रास्ते मिलेंगे । कहीं पढ़ा था “बहता पानी निर्मला” । यह पानी कितना निर्मल है यह तो नहीं पता, पर यह ज़िन्दगी बहती रहेगी, पानी की तरह हमेशा ।
ज़िन्दगी !!!
मैं तुम्हारे साथ चलना चाहता हूँ
कदम से कदम मिलाकर
बैठा हूँ इंतजार में तुम्हारे
संग चलोगी क्या तुम मेरे ?
फूल मिलेंगे या फिर काटें
तुम्हारे दामन में
रखूँगा सम्भाल कर उन्हें
बहुत तेज नहीं चल पाऊँगा तो
क्या फिर भी दोगी साथ मेरा तुम
ज़िन्दगी !!!
संग चलोगी क्या तुम मेरे ?
कॉलेज और दोस्तों की याद में मेरे दोस्त और रूममेट “नवनीत नवल” ने एक म्युज़िकल एल्बम “कॉलेज के दिन” बनाई है । इस गीत को नवनीत ने लिखा है और संगीत भी उसी ने तैयार किया है । गीत को गाया भी नवनीत ने ही है । इस एल्बम का तैयार होना नवनीत के लिये किसी ख्वाब के पूरा होने से कम नहीं है । हम सभी के लिये यह एक बहुत बड़ी बात है । यह गीत हम सभी दोस्तों के लिये कालेज की यादों की एक सच्ची निशानी है, एक उपहार है जिसे हम सभी दोस्त हमेशा गाते रहेंगे और गुनगुनाते रहेंगे । हमेशा याद रखेंगे । यह विडियो देखिये-
ऑडियो आप यहाँ से सुन सकते हैं-