रुको नहीं, थको नहीं,
रुकना नहीं कर्म है,
थकना नहीं धर्म है।
चलते रहो चलते रहो,
चलना हीं तो कर्म है।
रवि रुक जाये अगर,
प्रकृति में हो जाये प्रलय।
चाहते हो अगर जीतना तो,
समझो कर्म के महत्व को।
कर्म हीं है जिन्दगी,
मानवता कर्म है,
मातृत्व हीं तो कर्म है,
भक्तित्व हीं तो कर्म है।
कर्म से डरो नहीं,
कर्म से भागो नहीं,
कर्म तुम्हें पहुँचायेगा,
परम लक्ष्य की सीमा तक।
सत्य है असत्य है,
सत्य को चुन लो तुम,
सत्य को थामे रहो,
कर्म हीं पहुँचायेगा तुम्हें,
सत्य की राह पर।
अराधना हीं कर्म है,
साधना हीं कर्म है,
पवित्र मन, सत्य वचन,
सच्ची श्रद्धा,हृदय से निष्ठा,
कर्म का मूलमंत्र है।
कर्म देश भक्ति है,
कर्म हीं तो शक्ति है,
कर्म का भविष्य है,
निश्वार्थ भाव से,
कर्म करो,कर्म करो।
(20 जुलाई 1999)