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शुक्रवार, 4 दिसंबर 2009

तुम्हारी प्रतीक्षा में

 

मैं नहीं कहताfallen flower

कि तुम्हारे लिये

ले आऊँगा तोड़कर

चाँद तारे ।

मैं नहीं कहता

कि तुम्हारे लिये

बना दूँगा पहाड़ को धूल

और

झुका दूँगा आसमान को

जमीन पर ।

मैं तो बस ला पाऊँगा

तुम्हारे लिये

ओस में लिपटे

धूल से सने

डाली से गिरे

कुछ फूल

जिनमें अभी भी बांकी है सुगंध ।