कि तुम्हारे लिये
ले आऊँगा तोड़कर
चाँद तारे ।
मैं नहीं कहता
कि तुम्हारे लिये
बना दूँगा पहाड़ को धूल
और
झुका दूँगा आसमान को
जमीन पर ।
मैं तो बस ला पाऊँगा
तुम्हारे लिये
ओस में लिपटे
धूल से सने
डाली से गिरे
कुछ फूल
जिनमें अभी भी बांकी है सुगंध ।
कि तुम्हारे लिये
ले आऊँगा तोड़कर
चाँद तारे ।
मैं नहीं कहता
कि तुम्हारे लिये
बना दूँगा पहाड़ को धूल
और
झुका दूँगा आसमान को
जमीन पर ।
मैं तो बस ला पाऊँगा
तुम्हारे लिये
ओस में लिपटे
धूल से सने
डाली से गिरे
कुछ फूल
जिनमें अभी भी बांकी है सुगंध ।
कि एक हवा चली है
चुप हो जाओ
बह जाओ ।
कि एक फूल खिला है
चुप हो जाओ
खिल जाओ ।
कि एक दीप जला है
चुप हो जाओ
जल जाओ ।
कि एक बादल निकला है
चुप हो जाओ
बरस जाओ ।
कि एक पत्ता टूटा है
चुप हो जाओ
खो जाओ ।
कि एक सूरज निकला है
चुप हो जाओ
भर जाओ ।
कि एक प्रेम मिला है
चुप हो जाओ
झुक जाओ ।