कि तुम्हारे लिये
ले आऊँगा तोड़कर
चाँद तारे ।
मैं नहीं कहता
कि तुम्हारे लिये
बना दूँगा पहाड़ को धूल
और
झुका दूँगा आसमान को
जमीन पर ।
मैं तो बस ला पाऊँगा
तुम्हारे लिये
ओस में लिपटे
धूल से सने
डाली से गिरे
कुछ फूल
जिनमें अभी भी बांकी है सुगंध ।
जिनमें अभी भी बांकी है सुगंध ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर पंक्तियों के साथ........... बहुत सुंदर कविता......
सच कहूँ तो यह ज्यादा वास्तविक स्वरूप है प्रेम का..यथार्थपूर्ण कामनाओं के साथ चीजों को उनकी पूरी संवेदनशीलता के साथ समझने महसूस करने की आकाँक्षा..
जवाब देंहटाएंऔर ऐसे ही सच्चाई के धरातल पे टिके संबंध ही टिक पाते हैं..
बेहतरीन.
प्रतिक्षा को प्रतीक्षा कर लें तो ठीक लगेगा..
धन्यवाद अपूर्व जी 'भूल सुधार के लिये' । आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कविता...
जवाब देंहटाएंब्लॉग की साज-सज्जा बहुत ही सुन्दर लग रही हैं...चन्दन
और चित्र भी बहुत ही सुन्दर है...
दीदी...
बहुत सुन्दर नवगीत लिखा है आपने!
जवाब देंहटाएंबधाई!
बहुत सुन्दर कविता...बेहतरीन.
जवाब देंहटाएंमेरी तरफ से बधाई....
सुन्दर रचना! बधाई.
जवाब देंहटाएंवाह... बढ़िया रचना.. साधुवाद स्वीकारें..
जवाब देंहटाएंमैं तो बस ला पाऊँगा
जवाब देंहटाएंतुम्हारे लिये
ओस में लिपटे
धूल से सने
डाली से गिरे
कुछ फूल
जिनमें अभी भी बांकी है सुगंध
वाह वाह ये हुई न बात बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है बधाई
bahut hi pyari rachna.
जवाब देंहटाएंआपका प्यार जताने का और एहसासों को बयाँ करने का अंदाज बहुत प्यारा है जी
जवाब देंहटाएंधूल से सने
जवाब देंहटाएंडाली से गिरे
कुछ फूल
जिनमें अभी भी बांकी है सुगंध
बड़ी ख़ूबसूरत संवेदनाएं हैं...यथार्थ के करीब....सुन्दर अभिव्यक्ति
प्रेम की कितनी सरल और भोली अभिव्यक्ति है ....... बहुत उम्दा लिखा है ........
जवाब देंहटाएंमैं तो बस ला पाऊँगा
जवाब देंहटाएंतुम्हारे लिये
ओस में लिपटे
धूल से सने
डाली से गिरे
कुछ फूल
जिनमें अभी भी बांकी है सुगंध ।
बहुत ही बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
सीधा , सच्चा और भोला भाला वादा
जवाब देंहटाएंएक विश्वास से भरी सुंदर कविता...धन्यवाद
जवाब देंहटाएंbahut hi behatareen abhivyakti... aur blog achha saja lliya...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा.
जवाब देंहटाएंशब्दों की इंजीनियरिंग यूं ही जारी रखिये.
शुभकामनाएं!
विकास गुप्ता
E-mail: vforvictory09@gmail.com
mob. 09584233595
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंइस कविता ने मन मोह लिया। सच में। बहुत अच्छी।
जवाब देंहटाएंमेरे विचारों पर
जवाब देंहटाएंखामोशी की परत
जरूर चढ़ी है
पर मैं इन्हें बदल दूँगा
वक्त की ऊर्जा में ।
man ko utsah se bharne wali evam protsahit karne wali sundar kavita...