शुक्रवार, 20 मार्च 2009

गुलमोहर के फूल



प्रिय तुम सबसे सुन्दरतम
फूलों से भरा तेरा आचंल
महकें है मेरा कण-कण तन मन ।

15 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बहुत धन्यवाद ज्योतसना जी!!!!!!!!!!

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  2. प्रिय तो होती है ऐसी है
    बहूत खूब.............

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  3. धन्यवाद संगीता जी एवं दिगम्बर जी
    कृप्या इसी तरह मार्गदर्शन करते रहियेगा...

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  4. क्षमा करियेगा ज्योत्स्ना जी.
    आपका नाम मैंने गलत लिख दिया.

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  5. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..

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  6. I have gone through those lines of poems,though i am finding it difficult understand it but still striving hard to know the meaning and the intention behind it.
    These legitimate lines are quiet beautiful n even touched anyone heart,if anyone tries with intently.

    My best wishes are always with you.

    Cheers!!

    Have a wonderful day dear.:)

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  7. धन्यवाद वन्दना अवस्थी एवं रचना गौड़ ’भारती’ जी!!!!!!

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  8. गुलमोहर के फूल मनोहर
    खिले हुए हैं चारों ओर!
    इनके बीच बैठकर बोले
    कोकिल मीठे-मीठे बोल!

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