ईश्वर के द्वारा बनायी गयी सबसे पहली दुनिया सभी दृष्टीकोणों से सम्पूर्ण थी। परन्तु पता नहीं क्यों यह दुनिया कुछ अधिक दिन तक चल नहीं सकी और नष्ट हो गयी ।
बहुत सोच-विचार के पश्चात ईश्वर ने पुनः एक नई दुनिया बनायी और इस बार उसने इस दुनिया में दुःख, दर्द, कष्ट, दया, प्रेम, घृणा, पश्चाताप और अनेकों कारण डाल दिये ।
और यह दुनिया आज तक चल रही है ।
दुनिया में तो हमेशा से दुःख, दर्द, कष्ट, दया, प्रेम, घृणा, पश्चाताप आदि का द्वंद दिखलाई पड़ता है भाई। बिना द्वंद या सापेक्षता के दुनियाँ का बहुत मतलब भी नहीं है।
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
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I liked your blogs and taste. But, To see things and interpret them in one way or the other in one thing, to change them is another. I have chosen the latter.
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