सहमत हूँ ...लेकिन शीर्षक प्रेत क्यूं ... और अंत यूं आया मेरे मन में ... अंत में जब पाता हूँ तुम्हे .. तो न मैं, मैं रह पाता हूँ .. और न तुम.....तुम ...
भावनात्मक रचना........ और जरा उस प्रेत का कुछ नाम पता हो तो दे देना उससे पूछना है कि किसकी तलाश में भटक रही है प्रभु मिलन के लिए कि पिया मिलन के लिए. यदि प्रभु हैं तो ठीक है और अगर पिया से मिलने की बेकरारी है तो विश्वामित्र की मेनका वाली और तुलसीदास जी की सांप को रस्सी समझने वाली कहानी बतानी पड़ेगी नहीं तो बेचारा प्रेत जन्मों तक भटकता रहेगा. अंत में "माटी के पुतले तुझे कितना गुमाल है? कौन जग में किसका होता है मुफ्त में क्यों जन्म गंवाता है.....?" by the way nice creation. congrets....
सहमत हूँ ...लेकिन शीर्षक प्रेत क्यूं ...
जवाब देंहटाएंऔर अंत यूं आया मेरे मन में ...
अंत में जब पाता हूँ तुम्हे ..
तो न मैं, मैं रह पाता हूँ ..
और न तुम.....तुम ...
हे प्रभु !
जवाब देंहटाएंप्रेत की आत्मा मुक्त हो ...
उसे ईष्ट - सिद्धि हो ...
गहरी बात!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लगी यह रचना.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चंदन जी ,
जवाब देंहटाएंचंद पंक्तियां ..काफ़ी कुछ कह गईं ..लिखते रहें
अजय कुमार झा
भावनात्मक रचना........
जवाब देंहटाएंऔर जरा उस प्रेत का कुछ नाम पता हो तो दे देना उससे पूछना है कि किसकी तलाश में भटक रही है प्रभु मिलन के लिए कि पिया मिलन के लिए.
यदि प्रभु हैं तो ठीक है और अगर पिया से मिलने की बेकरारी है तो विश्वामित्र की मेनका वाली और तुलसीदास जी की सांप को रस्सी समझने वाली कहानी बतानी पड़ेगी नहीं तो बेचारा प्रेत जन्मों तक भटकता रहेगा.
अंत में "माटी के पुतले तुझे कितना गुमाल है?
कौन जग में किसका होता है मुफ्त में क्यों जन्म गंवाता है.....?"
by the way nice creation.
congrets....
सघन अँधेरा ऐसा की आत्मा को भी भटकना होता है
जवाब देंहटाएंकिसी की तलाश में ...!!
YE TO HAR PREM BHARE DIL KA ANT HAI ... GAHRI SOCH SE UPJI RACHNA HAI ...
जवाब देंहटाएंअगर तूफ़ान में जिद है ... वह रुकेगा नही तो मुझे भी रोकने का नशा चढा है ।
जवाब देंहटाएंबेचारी आत्मा। अजरता अमरता में कितना कष्ट है!
जवाब देंहटाएंकाफी अच्छा लिखा है आपने... इतना गहरा कैसे सोच लेते हैं चन्दन ?
जवाब देंहटाएंAap jee uthen ye dua karti hun!
जवाब देंहटाएंhttp://shamasansmaran.blogspot.com
http://kavitasbysha.blogspot.com
http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com
भटकती रहती है
जवाब देंहटाएंमेरी आत्मा
तुम्हारी तलाश में
शुरू से अंत तक
kya baat hai...