सफ़र रुकता नहीं, पांव थमते नहीं, बस चलते जाना है.......चलते जाना है ।
मुझे पसंद नहीं
सूरज का डूबना ।
न जाने कौन सी
एक आग
अन्दर हीं अन्दर
जलती रहती है ।
कण- कण
पिघलता जाता हूँ
सुबह तक
कहाँ बच पाता हूँ ।
पंक्तियों का सार अत्यंत मनोहर है
बहुत खूब!
jordar rachna
nice poem and nice picture chandan....
Eyes bhi bird, nose bhi bird and lips bhi...sirf bird se itni khubsurat chitr ki rachna.wonderful! who make this pic.
Mere paas alfaaz nahi...ye chhoti-si rachana,na jane kya,kya kah gayi...!
छोटी सी उम्र में अच्छा कह लेते हो, चन्दन .....हमारी दुआए आपके साथ हैं , हमेशा चन्दन बनकर महको
धन्यवाद पुखराज जी !!!
aapne to ek rekha chitra ankit kar diya..bahut badhiya..http://samvedanakeswar.blogspot.com
"कविता में भी आग है........"प्रणव सक्सैनाamitraghat.blogspot.com
andar bhi aag aur baahar bhi aag ,bahut khoob poonam
वाकई चंदन जी कविता के भाव तो सुन्दर हैं ही साथ ही तस्वीर भी जो लगता है कुछ कह रही हो।
chandan aap bhut achhe kavita likhte ho me in kavitao ki kadre karta hu inme bhut sarthakata chhpe hai.
कम पंक्तियों मे कई अकथनीय बातें कह दी हैं..सूरज सा जलना और रात भर पिघलना..किसी असहनीय जलन का हेतु होता है..ऐसा लगा
वाह, कमाल का लिखा है दोस्त.. चिट्ठाचर्चा मे भी इसकी चर्चा पढी थी.. beautiful..
aapakaa lekhana hRudaya sparshee hai|bahuta-bahuta shubhakaamanaaeM!
वाह अद्भुत सुन्दर रचना! शानदार!
behtareen bhav hai.........badhaai
बहुत सुन्दर लिखा...आपका स्वागत है.----------------------"पाखी की दुनिया" में इस बार पोर्टब्लेयर के खूबसूरत म्यूजियम की सैर
वाह, कमाल का लिखा है दोस्त..
अनुपम रचना .... बेहद कमाल का लिखा है ...
Kan-kan pighal jaata hoon!Subah tak kahan bach paata hoon!Kya baat hai, maan na padega!!!Aur jo bimb istemaal kiya hai, kaabil-e-taareef!
कई बार हम सच में कुछ चाह के भी नहीं कह पाते.छोटी सी आपकी कविता गहरी बातें करती है.
सुन्दर रचना,बधाई
waah....i m speechless
likhne k liye shabdd nhi h..
पंक्तियों का सार अत्यंत मनोहर है
जवाब देंहटाएंबहुत खूब!
जवाब देंहटाएंjordar rachna
जवाब देंहटाएंnice poem and nice picture chandan....
जवाब देंहटाएंEyes bhi bird, nose bhi bird and lips bhi...
जवाब देंहटाएंsirf bird se itni khubsurat chitr ki rachna.
wonderful! who make this pic.
Mere paas alfaaz nahi...ye chhoti-si rachana,na jane kya,kya kah gayi...!
जवाब देंहटाएंछोटी सी उम्र में अच्छा कह लेते हो, चन्दन .....हमारी दुआए आपके साथ हैं , हमेशा चन्दन बनकर महको
जवाब देंहटाएंधन्यवाद पुखराज जी !!!
जवाब देंहटाएंaapne to ek rekha chitra ankit kar diya..bahut badhiya..
जवाब देंहटाएंhttp://samvedanakeswar.blogspot.com
"कविता में भी आग है........"
जवाब देंहटाएंप्रणव सक्सैना
amitraghat.blogspot.com
andar bhi aag aur baahar bhi aag ,bahut khoob
जवाब देंहटाएंpoonam
वाकई चंदन जी
जवाब देंहटाएंकविता के भाव तो सुन्दर हैं ही साथ ही तस्वीर भी जो लगता है कुछ कह रही हो।
chandan aap bhut achhe kavita likhte ho me in kavitao ki kadre karta hu inme bhut sarthakata chhpe hai.
जवाब देंहटाएंकम पंक्तियों मे कई अकथनीय बातें कह दी हैं..सूरज सा जलना और रात भर पिघलना..किसी असहनीय जलन का हेतु होता है..ऐसा लगा
जवाब देंहटाएंवाह, कमाल का लिखा है दोस्त.. चिट्ठाचर्चा मे भी इसकी चर्चा पढी थी.. beautiful..
जवाब देंहटाएंaapakaa lekhana hRudaya sparshee hai|bahuta-bahuta shubhakaamanaaeM!
जवाब देंहटाएंवाह अद्भुत सुन्दर रचना! शानदार!
जवाब देंहटाएंbehtareen bhav hai.........badhaai
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिखा...आपका स्वागत है.
जवाब देंहटाएं----------------------
"पाखी की दुनिया" में इस बार पोर्टब्लेयर के खूबसूरत म्यूजियम की सैर
वाह, कमाल का लिखा है दोस्त..
जवाब देंहटाएंअनुपम रचना .... बेहद कमाल का लिखा है ...
जवाब देंहटाएंKan-kan pighal jaata hoon!
जवाब देंहटाएंSubah tak kahan bach paata hoon!
Kya baat hai, maan na padega!!!
Aur jo bimb istemaal kiya hai, kaabil-e-taareef!
कई बार हम सच में कुछ चाह के भी नहीं कह पाते.छोटी सी आपकी कविता गहरी बातें करती है.
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना,बधाई
जवाब देंहटाएंwaah....i m speechless
जवाब देंहटाएंlikhne k liye shabdd nhi h..
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