बुधवार, 29 अप्रैल 2015

इश्क की ख़ुशबू



तेरे इश्क की ख़ुशबू

मेरे साँसों में बसती है

कि अपनी रूह से पूछो

मिटा कर खाख कर डाला

खुद को इश्क में तेरे ।











1 टिप्पणी:

  1. मित्र चन्दन. अच्छा लगा आपका प्यार भरा संवाद इन पंक्तियों में महसूस करके "मिटा कर खाख कर डाला खुद को इश्क में तेरे".. इसका अगला भाग जल्द लिखना....

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